व्यक्ति का जीवन में कई परेशानी आती है पर जो उससे लड़ ले वो पार पड़ जाता है ।
मेरी मंजिल तो आसमान है रास्ता भी खुद ही बनाना है!
कुछ भी असंभव नहीं . जो सोच सकते है, वो कर सकते है, और वो भी सोच सकते है जो आज तक नहीं किया।
सादगी से बढ़कर कोई श्रृंगार नहीं होता,
“मंजिलें मिले ना मिले ये तो मुद्दर की बात है, लेकिन अगर हम कोशिश भी नहीं करें, ये तो बिल्कुल गलत बात है।।”
अगर कोई बेइज़्ज़ती करे तो बस इतना ध्यान रखो की आपसे ऊपर वाला कल उसकी भी कर सकता है ।
ठोकरों से सीख लेना ज़रा सफर जारी रखना तुम!
अगर आप अपने हृदय से या दिमाग से सोच कर निर्णय लेते हैं तो वह गलत हो सकते हैं। परन्तु अगर आप अपनी अंतरात्मा की ध्वनि सुनकर निर्णय लेते हैं वह कभी भी गलत नहीं हो सकता।
उसी तरह कठीनाई और संघर्ष किए बिना अच्छे दिन नहीं आते!
कामियाबी हासिल करने के लिए अच्छे विचारों का होना बेहद जरुरी है.
व्रत एवं उपवास व्रत एवं उपवास पूर्णिमा व्रत
इसका सीधा संबंध है आप उनसे बेहतर हैं। “
अगर आप स्वयं में बदलवा नहीं ला सकते तो aaj ka suvichar फिर संसार से भी उम्मीद ना रखे ।
जीवन में अगर कोई आपके दुख में काम ना आये तो फिर उसे सुख का हिस्सा भी ना बनाये ।